Sunday, May 02, 2010

बदले हुए से तुम..

बहुत कुछ
बहुत ही बदल गया
भाषा
दुनिया
सुख
दुख
दर्द
रस्ते
नज़र
जिगर
शहर
अहसास
विश्वास
सपने
अपने
अदा
फ़िदा
करम
रहम
भरम
और
तुम.

बदले नहीं हैं तो....
सिर्फ तुम्हारे धोखे
तुम्हारी बेवफाई

3 comments:

Udan Tashtari said...

क्या बात है...

Shekhar Kumawat said...

BAHUT KHUB

BADHAI AAP KO IS KE LIYE

Dharni said...

धन्यवाद बंधुवर!