अंतर्मन
अपने विचार
Sunday, May 02, 2010
बदले हुए से तुम..
बहुत कुछ
बहुत ही बदल गया
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फ़िदा
करम
रहम
भरम
और
तुम.
बदले नहीं हैं तो....
सिर्फ तुम्हारे धोखे
तुम्हारी बेवफाई
3 comments:
Udan Tashtari
said...
क्या बात है...
Sunday, May 02, 2010 5:06:00 PM
Shekhar Kumawat
said...
BAHUT KHUB
BADHAI AAP KO IS KE LIYE
Sunday, May 02, 2010 11:34:00 PM
Dharni
said...
धन्यवाद बंधुवर!
Monday, May 03, 2010 12:14:00 AM
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3 comments:
क्या बात है...
BAHUT KHUB
BADHAI AAP KO IS KE LIYE
धन्यवाद बंधुवर!
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