Tuesday, July 29, 2008

क्या लिखूँ?

कल मैं एक नए घर में मूव किया। आशा है कि यह पहले से बेहतर अनुभव होगा!

बहुत दिनों बाद कुछ लिखने का प्रयत्न कर रहा हूँ..बैंगलोर और अहमदाबाद की घटनाओं के बाद मन बहुत खिन्न है।

खैर, हिन्दी चिट्ठाकारी का आजकल क्या हाल है?

2 comments:

बालकिशन said...

मन है तो ऐसी घटनाओं से खिन्नता और दुःख तो होगा ही. लेकिन चलते तो फ़िर भी रहना है.
एक फेरा लगा लीजिये ब्लाग दुनिया का हाल ख़ुद ही जान जायेंगे.
नया घर मुबारक हो.

Udan Tashtari said...

बस एक आपकी कमी है बाकी तो सब झमाझम चल रहा है. अब आप आईये. नया घर मुबारक हो.शुभकामनाऐं.