Tuesday, February 05, 2008

प्रेम महीना

चिट्ठाजगत से बहुत दिनों से दूर था, अच्छा हुआ किसीने हमको 'मिस' नहीं किया।

वैलेंटाइंस मंथ (फरवरी) आप सब को मुबारक हो... साल भर में एक बार एक बहाना मिलता है अपने प्रेमी को बेधड़क उपहार देने का, इज़हार करने का... अब ये सब करने के लिये एक दिन तो काफी नहीं है,और अपन के पास पेशेंस बहुत कम है, अतः मैंने फरवरी को 'वैलेंटाइन माह' डिक्लेयर कर दिया है। अब आप आज ही से आशिक़ी में मशगूल हो जाइये (लीगल लिमिट में ही रहके)

पहला प्यार सुना है सबको याद रहता है...अपन को तो हर प्यार कही अपने टाइप में 'पहला' ही लगा...तो कौन से वाले को पहला बताऊँ।
इस बार कौन सा उपहार दे रहे हैं अपने 'उन' को? हीरे/जवाहरात या सिर्फ फूल? आजकल फूल भी इतने महंगे हो चले हैं कि उनको भी जवाहरात की श्रेणी में रखा जाना चाहिये

हमको तो अगले साल के लिये बाकायदा 'पत्नी-गिफ्ट' बजट बनाना पड़ता है: 'न्यू इयर्स गिफ्ट', 'वेलेंटाइंस गिफ्ट','एनिवर्सरी गिफ्ट' और फिर 'बर्थडे गिफ्ट'...अरे दिवाली गिफ्ट तो भूल ही गया!' अब कैल्कुलेट कर लीजिये कि कितना खर्चा है!
'इश्क़ ने गालिब निकम्मा कर दिया...वरना हम तो आदमी थे काम के...'

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