Saturday, July 30, 2005

ये 'ब्लॉग' का हिन्दी वर्ज़न 'चिट्ठा' शब्द ईज़ाद किसने किया? सच बताऊँ तो आजकल मैं रात के एक दो बजे तक लोगों के ब्लॉग पढ़ता रह्ता हूँ। हिन्दी ब्लॉग की लत लग गयी है। अब अपने चिट्ठे पर भी एक नज़र डाली जाए। दिन भर इतना सोचता हूँ कि ये लिखूंगा वो लिखूँगा- लेकिन लिखने बैठते ही लगता है सब भूल जाता हूं। ख़ैर!

जबसे चिट्ठा जगत से परिचय हुआ है...अचानक सारा अंतरजाल नाकाफी सा लगने लगा है। मैं अभी तक याहू के टूल्स - मेसेंजर- कम्पैनियन-मेल इत्यादि का आदी था...लेकिन इन टूल्स में हिन्दी प्रयोग करने की कोशिश करते ही इनकी घिघ्घी बँध जाती है! लगता है हम सब हिन्दी भाषियों को मिलकर स्वयं ही कुछ करना पड़ेगा।
आज सोच रहा था कि हम सब साधारण भारतीयों में कितने सारे प्रेमचन्द -निराला - सूर- तुलसी- रसखान इत्यादि जैसे टैलेंट बैठे हैं। कहना अतिशयोक्ति न होगी कि अब तो भारत सरकार को एक 'चिट्ठापीठ' पुरस्कार भी देना चाहिये। मैंने इतनी उम्दा रचनाएँ देखी हैं चिट्ठों में कि क्या बताऊं। कई नामी-गिरामी साहित्यकार इतनी बेबाक़ी से क्या लिखते होंगे!

4 comments:

अनूप शुक्ल said...

ब्लाग को चिट्ठा नाम किसने दिया तथा अन्य जानकारी के लिये फिर से चिट्ठा विश्व देखें। अभी तक ज्ञात श्रोतों के अनुसार ब्लाग को चिट्ठा नाम देने का अपराध आलोककुमार जो कि हिंदी के आदि
चिट्ठाकार माने जाते हैं ने किया।

Dharni said...

शुक्ल जी...हमारे चिट्ठे पर पदार्पण करने के लिये धन्यवाद! चिट्ठा विश्व की लिंक काम नही कर रही...फिर से भेजें। और लिखें अपने चिट्ठे पर..हमें इंतज़ार है!

अनूप शुक्ल said...

चिट्ठा विश्व का लिंक शायद गलत टाइप हो गया था। सही लिंक है-http://www.myjavaserver.com/~hindi
हमारा लिखा पढ़ने के लिये धन्यवाद !

Laxmi said...

anaam ji,

mai.N aapke chitthapiith puraskaar kaa samarthan karataa huu.N. mai.N chittho.N kii duniyaa me.N nayaa huu.N lekin jitanaa mai.N ne dekhaa hai usase lagataa hai ki bahut saarii talent hai is duniyaa me.N. mere chitthe aap ne comment chhoDii usake liye dhanyawaad.

laxminarayan